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किसी भी हाल में न छोड़िये दृढ़ता का दामन

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दृढ़ता स्व अनुशासन का पांचवां और आखिरी स्तंभ होता है। आखिर दृढ़ता क्या है? दृढ़ता का अर्थ उस क्षमता से है जो अपनी निर्णय पर अड़िग रहना है, चाहे आपकी भावनाएं कुछ भी हो। संभव है कि आपको उस समय अपनी भावनाएं दबानी पड़ जाए जब आपको लगे कि अब यह कार्य छोड़ देना चाहिए। जब आप किसी बड़े लक्ष्य के लिए कार्य करते हैं तो आपकी प्रेरणा आपके लिए एक ऊर्जा का कार्य करती है। कई बार आप प्रेरित होते हैं तो कई बार प्रेरित नहीं होते हैं पर आपकी प्रेरणा परिणाम नहीं देती है। यह आपके कार्य हैं जो आपको परिणाम दिलाते हैं। दृढ़ता आपको वह ऊर्जा देती है जिसे प्रेरणा न मिलने पर भी आप कार्य करने के लिए मजबूर होते हैं। दृढ़ता आपको एक प्रेरणा देने का कार्य भी करती है। यदि आप लगातार कदम उठाते रहेंगे तो आपको परिणाम भी मिलते रहेंगे। उदाहरण के लिए आप डाइटिंग और एक्सरसाइज के लिए और प्रोत्साहित होंगे, यदि आप शुरू के 10 पाउंड कम कर लेते हैं। आपको लगेगा कि कपड़े पहले से ज्यादा फिट हैं। यह आपको आगे एक्सरसाइज करने के लिए प्रोत्साहित करेगा। दूसरा सवाल उठता है कि क्या हमेशा दृढ़ता बनी रहनी चाहिए या कुछ परिस्थितियों में इसे छोड