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Nine management Lessons from Dhirubhai Ambani

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Dhirubhaism No 1: Roll up your sleeves and help. You and your team share the same DNA. Reliance, during Vimal's heady days had organized a fashion show at the Convention Hall, at Ashoka Hotel in New Delhi. As usual, every seat in the hall was taken, and there were an equal number of impatient guests outside, waiting to be seated. I was of course completely besieged, trying to handle the ensuing confusion, chaos and protests, when to my amazement and relief, I saw Dhirubhai at the door trying to pacify the guests. Dhirubhai at that time was already a name to reckon with and a VIP himself, but that did not stop him from rolling up his sleeves and diving in to rescue a situation that had gone out of control. Most bosses in his place would have driven up in their swank cars at the last moment and given the manager a piece of their minds. Not Dhirubhai. When things went wrong, he was the first person to sense that the circumstances would have been beyond his team's contro

एग्रो मोबाइल एप्लिकेशन यानी नैनो गणेश ने बदला जीवन

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eअहमदाबाद से करीब 30 किलोमीटर पूर्व आणंद के सोजित्रा में किसानों की आम हलचल देखकर आपको आश्चर्य में पड़ने की जरूरत नहीं है। वे सेडान की सवारी करते हैं , दोमंजिला बंगले में रहते हैं , अपनी बाइक से घूमते - फिरते हैं और अपने परिवार को लेकर अहमदाबाद या वडोदरा के बिग बाजार में शॉपिंग करने जाते हैं। इतना ही नहीं शॉपिंग के बाद वे प्लास्टिक मनी से काउंटर पर भुगतान करते हैं। अगर आप उनसे सवाल करेंगे कि कैसे हैं , तो उनसे जवाब मिलेगा , मजे में। दोपहर में गांव वालों की हलचलें देखते ही बनती हैं। सभी किसान भावेश पटेल के घर जुटे हुए हैं क्योंकि पटेल ने अपने नोकिया ई 75 से फोन कर यह जानने की कोशिश की कि क्या आज पानी आएगा ? एक ग्रामीण ने पूछा - क्या पानी आ रहा है ? हमें बताया गया कि किसान दस किलोमीटर दूर एक जलाशय से खेतों में पानी छोड़ जाने का इंतजार कर रहे हैं। पटेल ने कॉल पूरी करने के बाद मोबाइल फोन से ही खेत में लगा पंपसेट स्टार्ट कर दिया।   वे इसे दरअसल नैनो गणेश ( छोटा गणेश ) मानते हैं। इस मोबाइल फोन के आविष्कारक ने पहले इसका नाम गणेश रखा था , बाद में टाटा द्वारा नई लखटकिया कार लॉन्च करने के ल

Narayana Murthy's 5 success mantras for entrepreneurs

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In this the concluding part of the interview, N R Narayana Murthy, co-founder and chief mentor of Infosys Technologies talks about the best business decision he ever made, the reason why the core Infosys team has been together for all these years, the Satyam fiasco, what money means to him and what aspiring entrepreneurs need to succeed. What would you say has been your best business decision? My best business decision is clearly sitting down with my younger colleagues and together coming to the conclusion that our objective must be to seek respect from every one of our stakeholders -- respect from customers, respect from employees, respect from vendor partners, respect from investors, respect from government of the land, and respect from society. . . I can tell you that that is the best decision that I have taken. We had a four-hour-long discussion in 1981. Somebody said we must be the company with the most revenue, somebody else said we must be the most profitable. Finally,

नेट पर 'पोर्न-मटीरियल' खिलाएगा जेल की हवा!

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चीन में इंटरनेट पोर्नोग्राफी रोकने के नए नियम आ गए हैं। इन नियमों के तहत पोर्न मटेरियल इंटरनेट पर डालने पर अदालतें उम्र कैद तक की सजा दे सकती हैं। इस बीच चीन का ये फैसला भी विवादों के घेरे में आ गया है कि 1 जुलाई के बाद चीन में सिर्फ वहीं कंप्यूटर बिकेंगे जिनमें पहले से पोर्नोग्राफी रोकने वाला सॉफ्टवेयर लोड होगा। ये नियम विदेश से आने वाले कंप्यूटर्स पर भी लागू होगा। अमेरिका के कई कंप्यूटर निर्माताओं ने बुधवार को चीन से इस फैसले पर फिर विचार करने को कहा है। लेकिन चीन के विदेश विभाग के प्रवक्ता के कहना है कि अगर आपके बच्चे हैं या होने वाले हैं तो आप समझ सकते हैं कि गलत कंटेट को लेकर चिंता कितनी वाजिब है। (फोटो-AFP) आगे जानिए कैसे लगेगा इंटरनेट पर पहरा?... अरे...आप अपना ज़रूरी काम निपटा पाएंगे। बस पोर्न वर्ड्स और इमेजेस की सर्च करना मुश्किल हो जाएगा। चीन की सरकार चाहती है कि पर्सनल कंप्यूटर बनाने वाली कंपनियां पीसी के साथ ऐसे सॉफ्टवेयर बंडल करें जो इंटरनेट कन्टेंट को फिल्टर कर सके। नहीं समझे?...अब इसे साइबर सिक्योरिटी कहिए या इंटरनेट की आज़ादी पर पाबंदी की तैयारी... से इस तरह के फिल्

गांव की हरियाली को अब मोबाइल का सहारा

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सोशल नेटवर्किंग, पुश बटन ई-मेल, नेट सर्फिंग, एप्लिकेशन डाउनलोड, हाई पिक्सल फोटोग्राफी... मोबाइल पर हम कितना कुछ करने लगे हैं। लेकिन राजस्थान के बांसवाड़ा के पास गांव में रहने वाले किसान नित्यानंद सिंह का मोबाइल यूज थोड़ा डिफरेंट है। वह फोन पर गेम खेलने के बजाय मक्का के रेट पता करते हैं। गुजरात में दाहोद के पास रहने वाले आनंद भाई ने अपने फोन के लिए मेसेज पैक सब्सक्राइब किया है, जोक्स का नहीं बल्कि कपास की अच्छी उपज पाने का। मोबाइल फोन के विस्तार में अब शहरों का गिलास भर गया है और नेक्स्ट बिग ग्रोथ के लिए गांवों का रास्ता कुछ ऐसे ही खुलते दरवाजों से नजर आ रहा है। हर राज्य के गांवों में किसानों के लिए बेहतर जिंदगी के नाम से वैल्यू एडेड सर्विसेज पेश कर रही कंपनी हैंडीगो ने अपने सॉल्युशंस 20 भाषाओं में पेश किए हैं। गेहूं, मक्का, मसालों, फलों, फिशरी समेत हर तरह के मसले पर यह कंपनी किसानों को आईवीआर के जरिए टिप्स पेश करती है। कंपनी की प्रमोशन मैनेजर नेहा त्यागी के मुताबिक देशभर में उनके करीब 5 लाख सब्सक्राइबर बन चुके हैं, जो फोन से न सिर्फ मंडी अपडेट लेते हैं बल्कि फसल पर एक्सपर्ट्स की राय

झूठ बोला, तो फंसा देगा गूगल

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अब इस बात को लेकर परेशान होने की जरूरत नहीं कि आपके बच्चे इस वक्त कहां हैं। या फिर आपकी गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड आपसे कहीं और है और आपसे झूठ बोल रहा है कि वह किसी दूसरी जगह पर है, तो आप बड़ी आसानी से इसका पता लगा लेंगे। आप अपने बॉस से भी यह झूठ नहीं बोल पाएंगे कि आप ऑफिस से काफी दूर हैं और ऑफिस आने में ज्यादा वक्त लगेगा। इस बार भी गूगल ने सबका काम आसान कर दिया है। आप अपने मोबाइल पर गूगल मैप का नया फीचर 'गूगल लैटिट्यूड' डाउनलोड कीजिए और फिर लीजिए सबकी खबर। आइए जानते हैं आखिर क्या कमाल किया है गूगल लैटिट्यूड ने... गूगल लैटिट्यूड गूगल मैप्स का नया ऐप्लिकेशन है, जिसे आप अपने मोबाइल फोन पर डाउनलोड कर सकते हैं। जैसे ही आप इसे डाउनलोड करते हैं यह आपकी मूवमेंट की जानकारी उन यूजर्स को देना शुरू कर देगा, जिन्होंने इस ऐप्लिकेशन को पहले से अपने मोबाइल पर डाउनलोड कर रखा है। जाहिर है आपकी लोकेशन की जानकारी उन्हीं यूजर्स को हासिल हो पाएगी, जिन्होंने यह ऐप्लिकेशन डाउनलोड कर रखा है। या फिर आप भी उन्हीं लोगो के लोकेशन का पता लगा सकते हैं, जिनके पास यह ऐप्लिकेशन पहले से डाउनलोडेड है। फोटो भ

सबसे ज़्यादा इंटरनेट यूज़र्स कहां

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...चीन में!   एक सर्वे के मुताबिक, दुनिय में इंटरनेट यूज़र्स की संख्या के मामले में चीन अव्वल है। इंटरनेट यूज़र्स: 29.8 करोड़ कुल जनसंख्या का पर्सेंटेज: 22.4%       अमेरिका के 74.7% लोग इंटरनेट यूज़र्स   इंटरनेट यूज़र्स: 22.7 करोड़ कुल जनसंख्या का पर्सेंटेज: 74.7% जापान है नंबर 3 इंटरनेट यूज़र्स: 9.4 करोड़ कुल जनसंख्या का पर्सेंटेज: 73.8%               चौथे नंबर पर इंडिया                                               इंटरनेट यूज़र्स: 8.1 करोड़ कुल जनसंख्या का पर्सेंटेज: 7.1% ब्राज़ील पांचवे नंबर पर इंटरनेट यूज़र्स: 6.8 करोड़ कुल जनसंख्या का पर्सेंटेज: 34.3%

किसी भी हाल में न छोड़िये दृढ़ता का दामन

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दृढ़ता स्व अनुशासन का पांचवां और आखिरी स्तंभ होता है। आखिर दृढ़ता क्या है? दृढ़ता का अर्थ उस क्षमता से है जो अपनी निर्णय पर अड़िग रहना है, चाहे आपकी भावनाएं कुछ भी हो। संभव है कि आपको उस समय अपनी भावनाएं दबानी पड़ जाए जब आपको लगे कि अब यह कार्य छोड़ देना चाहिए। जब आप किसी बड़े लक्ष्य के लिए कार्य करते हैं तो आपकी प्रेरणा आपके लिए एक ऊर्जा का कार्य करती है। कई बार आप प्रेरित होते हैं तो कई बार प्रेरित नहीं होते हैं पर आपकी प्रेरणा परिणाम नहीं देती है। यह आपके कार्य हैं जो आपको परिणाम दिलाते हैं। दृढ़ता आपको वह ऊर्जा देती है जिसे प्रेरणा न मिलने पर भी आप कार्य करने के लिए मजबूर होते हैं। दृढ़ता आपको एक प्रेरणा देने का कार्य भी करती है। यदि आप लगातार कदम उठाते रहेंगे तो आपको परिणाम भी मिलते रहेंगे। उदाहरण के लिए आप डाइटिंग और एक्सरसाइज के लिए और प्रोत्साहित होंगे, यदि आप शुरू के 10 पाउंड कम कर लेते हैं। आपको लगेगा कि कपड़े पहले से ज्यादा फिट हैं। यह आपको आगे एक्सरसाइज करने के लिए प्रोत्साहित करेगा। दूसरा सवाल उठता है कि क्या हमेशा दृढ़ता बनी रहनी चाहिए या कुछ परिस्थितियों में इसे छोड

Windows 7 Free For NGOs

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Nasscom Foundation, the CSR arm of Nasscom, along with TechSoup Global has announced the availability of Windows 7 for distribution to Indian NGOs. Qualified NGOs can download Windows 7 from bigtech.in. Commenting on the program, Rufina Fernandes, CEO, NASSCOM Foundation, said, “Providing latest technology to NGOs helps in increase of their efficiency and effectiveness. Windows 7 is arguably the most easy to use software today. NGOs can run their processes faster and better.” Ravi Venkatesan, Chairman, Microsoft India, added, “In India today, there is a need for utilizing technology at the grassroots, and we are glad to be able to play a part in enabling this. Making our software available in association with TechSoup Global and Nasscom Foundation is a step towards reaching out to communities underserved by technology.” Bigtech.in, in partnership with TechSoup, is the key technology philanthropy program of Nasscom Foundation. This online marketplace has been specifically develope

Heterogeneous Environments--The New IT paradigm.

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An observation made roughly 2500 years ago by the ancient Greek Philosopher Heraclitus, that the only constant is change, holds as true today as it did then. The Information and Communication Technology (“ICT”) industry is an exemplar of this. Today the entire ICT landscape is witnessing change. Yesterday's paradigms are today's history. Traditionally, we have witnessed a vertical divide between Open Source Software and commercial software, with commentators from both sides espousing the merits of their model as a one size fits all solution. While both models had their respective merits, the divide resulted in precious little interoperability between them, except where mandated by standards bodies. However, The ICT world is witnessing a change. Environments that often include a mix of Windows, Linux and UNIX are becoming more prevalent. Applications being deployed today are often a mix of open source and commercial software. Customers are increasingly looking for software p

हथेली है या कैल्कुलेटर?...ये है सिक्स्थ सेंस

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मिस्टर इंडिया जैसी फिल्मों में आपने कई ऐसे सीन्स देखे होंगे जहां हर चीज़ का कंट्रोल ऐसे हाथ में रहता है जिसे आप देख नहीं सकते या फिर किसी चीज को छूने भर से नतीजा किसी जादू समान लगता है। लेकिन, अगर हम ये कहें कि अब ये सब कुछ भूत नहीं बल्कि आप खुच कर सकते हैं तो कैसा हो? वीयरेबल कंप्यूटिंग यानी..कुछ ऐसा कि कंप्यूटिंग डिवाइस को आप अपने कपड़ों की तरह पहन पाएंगे। अगर आपको कभी भी ये शक हुआ हो कि सिक्थ सेंस कोई सुपरनैचुरल साइंस-फिक्शन ड्रीम है तो चलिए साइंटिफिक सिक्स्थ सेंस पर नज़र डाल तेते हैं। हम आपको मिलवाएंगे डब की हुई सिक्स्थ सेंस से....एक ऐसी टेक्नॉलजी जो आपकी कलाई को घड़ी और हथेली को फोन में बदल देने का वादा करती है। इतना ही नहीं, आपके ग्रॉसरी स्टोर में घुसने पर ये टेक्नॉलजी आपके लिए बेहतर सोदा तलाशेगी...प्राइस कंपेरिज़न के ज़रिए। यकीन मानिए हमारा पाला किसी भूत से नहीं पड़ने वाला...ये सौ फीसदी हकीकत है। आइए इस टेक्नॉलजी को और बारीकी से जानें... शरीर के अंदर नहीं अब पहनिए सिक्स्थ सेंस साधारण शब्दों में कहें तो ये एक ऐसा हाइ-टेक डिवाइस है जिसे आप कपड़ों की तरह पहने सकते हैं। य

प्राथमिकता दें स्वरोजगार को -हरीश बिजूर

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खचाखच भरे कॉलेज सभागार में दोनों वक्ताओं ने विद्यार्थियों को बताया कि शिक्षा खत्म हो जाने के बाद उन्हें नौकरी की तलाश या खुद का कारोबार शुरू करने के दौरान किस तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है और उनसे कैसे निपटा जाए। प्रेजेंटेशन के बाद आयोजित प्रश्नोत्तरी सत्र के दौरान विद्यार्थियों ने जिज्ञासाओं का समाधान किया। इसके पहले सीएमडी स्वप्निल कोठारी ने रोचक ढंग से उद्यमिता को परिभाषित किया। व्याख्यान के अंत में एलीक के भीतर का रंगकर्मी मंच पर मुखर हुआ और छोटे से कथानक के जरिये ढेर सारी बात कह गए। तमाम लोग खुद को खड़े होकर देर तक तालियां बजाने से रोक नहीं सके। जाने-माने ब्रांड मैनेजर और कारोबारी हरीश ने युवाओं को खुद का कारोबार शुरू करने की सलाह दी। उन्होंने कहा देश की अर्थव्यवस्था में सर्विस सेक्टर का बोलबाला है। नए कारोबारियों के लिए काफी अवसर हैं। ऐसा करके वे अपने साथ अन्य लोगों का भी भविष्य संवारेंगे। मौजूदा बाजार व्यवस्था में सभी लोग प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से मार्केटिंग से जुड़े हुए हैं या उससे प्रभावित होते हैं। हम उन्हें दरकिनार करके नहीं रह सकते।   ब्रांडिंग के सात फंडे

रिजर्व बैंक जारी करेगा 10 रुपये के प्लास्टिक नोट

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नोटों के प्रति हम भारतीयों की 'मुहब्बत' को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक अब एक नया कदम उठान जा रहा है। नोटों को किसी भी हालत में मोड़-तोड़कर रखने की हमारी जिद और उसे चाय-पानी से भिगोने में भी कोई दिक्कत न महसूस करने जैसी आदतों को देखते हुए रिजर्व बैंक ने अब तय किया है कि वह प्लास्टिक के नोट जारी करेगा। इस कड़ी में पहला नंबर 10 रुपये के नोट का लगेगा। रिजर्व बैंक ने 10 रुपये के पॉलीमर बैंक नोट जारी करने की योजना बनाई है जिनका जीवनकाल सामान्य नोट का चार गुना होगा और इसकी नकल करना भी बहुत मुश्किल होगा। भारतीय रिजर्व बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आरबीआई ने शुरुआत में 10 रुपये के 100 करोड़ पॉलीमर नोट जारी करने का निर्णय किया है जिसके लिए बैंक ने एक अंतरराष्ट्रीय निविदा भी जारी की है। पॉलीमर नोट पेश करने की वजह के बारे में अधिकारी ने बताया कि इन नोटों का जीवन काल पांच वर्ष का होगा, जबकि सामान्य नोट का जीवनकाल एक वर्ष का होता है। इसके अलावा ये नोट कागज के नोट के मुकाबले अधिक साफ होंगे और इनकी नकल करना बहुत मुश्किल होगा। रिजर्व बैंक ने पॉलीमर नोटों के लिए जो निविदा जारी की है,

Srei Sahaj to roll out IPTV services in Orissa

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SREI Sahaj E-Village Limited, a subsidiary of the Kolkata-based Srei Infrastructure Finance Limited, plans to roll out IPTV (internet protocol television) services at its 20 common service centres (CSCs) in the rural areas of Orissa by the end of this year. Among all the CSCs of SREI Sahaj E-Village Limited across the country, the IPTV service would be first launched in Orissa at its centre at Kalahandi . Dr.Sabahat Azim, chief executive officer, SREI Sahaj e-Village Limited said, “Our IPTV services would be first launched at the CSC at Kalahandi in Orissa by the end of this month. The content of the IPTV would focus on the local culture and traditions of the people. The IPTV service is also aimed at offering education and entertainment to the rural folks.” IPTV is a system through which digital television service is delivered using the architecture and networking methods of the internet protocol over a packet switched network infrastructure. Meanwhile, SREI Sahaj e-Village has tied u

Government of India to Create Jobs Site Soon

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The Government is creating a web-portal that will have comprehensive details about the skilled manpower requirements of industry and the available skilled manpower in the country. The constraints of dissemination of information to both employers and job seekers would be overcome by the introduction of this e-Governance project. The Government aims to complete the modernisation process at all 469 employment exchanges by the year-end. Once the modernisation is completed, employment exchanges across the country would do more than just keep lists of job seekers and jobs.

Indian Railways to Implement 'Smart' Ticketing

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The Indian Railways has selected a chip technology by NXP Semiconductors, a semiconductor founded by Philips to power its contact less smart cards for automatic fare collection system. The secure micro-controller-based technology called MIFARE DESFire will be implemented across various Indian cities in the ATVMs (Automatic Ticket Vending Machines).The user-friendly ATVMs will be rolled out across five Indian cities - New Delhi, Secunderabad, Kolkata, Bhubaneswar and Pune. Together with card and inlay-manufacturer Siepmann's Card Systems, NXP will provide MIFARE DESFire-based ICs for approximately 6.5 lakh contact less cards over a period of one year. This project is expected to be launched in September 2009 and will initially be rolled out in Delhi and Secunderabad. The Centre for Railway Information Systems (CRIS), the IT wing of the Ministry of Railways haddeveloped the ATVMs as part of an Unreserved Ticketing System (UTS).

India to have 3rd largest Internet users By 2013: Report

India would become the third largest country in terms of Internet users across the globe, according to a forecast by Forrester. The report takes into account an average growth of 10-20% in online users in India. The report also forecasts the total number of Internet users worldwide would touch 2.2 billion by2013. Currently the estimates for total online population in India ranges anywhere between 50 million to 80 million users. China currently has 300 million+ online users, it recently overtook US in terms of online user strength. Is it really possible? Indian telecom growth was just recently seen breaking records even after a stupendous growth seen in recent years and a decade of wireless services availability. The growth would largely be for the online sector in India as Telecos to garner more revenues would focus more on providing other telemedia services than just telephony. The availability of superior telecom infrastructure would thus form the backbone of broadband growth in In

Govt invites bids for rural broadband link

If you need any proof of the government’s commitment to the cause of inclusive growth, this is it. The communications ministry has nvited bids to set up some 28,000 wireline broadband exchanges and 6,000 satellite sites in an effort to boost internet penetration in the country, especially rural India. The project will be funded from the Universal Service Obligation Fund (USOF), to which all telecom operators contribute 5% of their annual revenues. USOF helps unviable rural telephony projects. The unutilised amount in the USOF is currently estimated to be over INR 20,000 crore. The last Union Budget had allocated INR 2,400 crore from the USOF to subsidise unviable mobile, Internet and landline operations in rural India. Both private and state-owned telcos will be eligible to bid for these 34,000 exchanges, and successful bidders will have to share the infrastructure with other operators for a fee. The subsidy from the USOF will be granted in a phased manner and will be determined by the

Common service centres to generate 400,000 jobs

NEW DELHI: The government's common service centre (CSS) initiative will generate around 400,000 direct employment opportunities and as many as indirect jobs in rural India, a top government official said here on Thursday. "The scheme was likely to generate over 400,000 direct jobs opportunities as well as indirect employment avenues of a like number in rural India," Cabinet Secretary K.M. Chandrasekhar told reporters after inaugurating a conference on 'Common Service Centres: The Change Agents'. The CSC is a government-run one-stop shop that offers web-enabled e-governance services in rural areas, including various application forms, certificates, and utility payments such as electricity, telephone and water bills. "The scheme was structured to promote rural entrepreneurship. By creating appropriate support structures that enable demand-driven services as well as capacity building and training, entrepreneurs can be empowered as change agents for rapid socio-e

SOME IMPORTANTS TERMS AND DEFINITIONS

National e-Governance Plan (NeGP): Although, a number of e-Governance projects have been undertaken through individual initiatives, for the first time a programmatic approach is being adopted while implementing various e governance initiatives at the Central, State and Local Government level under the National e Governance Plan (NeGP). The NeGP , which was approved by the Government in May 2006 consists of 27 Mission Mode Projects (MMPs) and 8 components Implementation of such a Plan requires buy-in from diverse stakeholders such as central ministries/departments, state governments, local government bodies, private sector agencies and citizens. The focus of the NeGP is on delivery of services to citizens in an efficient and transparent manner at affordable cost to the citizens. The NeGP envisages the creation of certain core and support infrastructure which would web enable services for anytime anywhere access and thereby radically change the way Government delivers services. The suppo